क्या आपकी त्वचा भी सर्दियों-गर्मियों हर मौसम में रुखी-बेजान रहती है? क्या चेहरे पर हमेशा एक खिंचाव और बेजानी सी महसूस होती है? क्या कोई भी मॉइस्चराइजर लगाने के बाद भी कुछ घंटों में त्वचा फिर से रुखी हो जाती है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं।
कुछ साल पहले तक, मेरी भी यही हालत थी। मेरी स्किन इतनी ड्राई थी कि अगर कभी कोल्ड क्रीम लगाना भूल जाता, तो ऐसा लगता जैसे त्वचा फटने वाली है। सर्दियां आते ही होठ फटना तो एक नियम सा बन गया था। लेकिन आज, लोग मेरी स्किन को देखकर ऑयली समझते हैं!
यह चमत्कार नहीं, बल्कि एक वृद्ध और अनुभवी आयुर्वेदिक वैद्यजी द्वारा बताए गए 4 सिद्ध उपायों का नतीजा है। इन उपायों ने न सिर्फ मेरी ड्राई स्किन की समस्या को जड़ से ठीक किया, बल्कि त्वचा में एक प्राकृतिक चमक और कोमलता लौटा दी।
यह लेख आपकी ड्राई स्किन की समस्या का संपूर्ण आयुर्वेदिक समाधान लेकर आया है। आइए, बिना देरी किए, जानते हैं उन 4 जादुई उपायों के बारे में।
उपाय 1: साबुन को कहें अलविदा, उबटन को कहें हैलो
वैद्यजी ने सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण निर्देश यही दिया: "आज से तुम साबुन लगाना बंद कर दो।"
यह सुनकर मुझे भी बड़ा अजीब लगा। बचपन से साबुन से नहाने की आदत थी। लेकिन फिर समझ आया कि यही तो मुख्य समस्या का कारण है।
साबुन त्वचा को क्यों बनाता है रुखा?
ज्यादातर कमर्शियल साबुन और फेस वॉश में हार्श केमिकल्स और अल्कोहल होते हैं। ये तत्व त्वचा की ऊपरी परत में मौजूद प्राकृतिक एसेंशियल ऑयल्स को छीन लेते हैं। इससे त्वचा साफ तो हो जाती है, लेकिन पूरी तरह से ड्राई और बेजान भी हो जाती है। यह ठीक वैसा ही है जैसे किसी कपड़े से सारी चिकनाई निचोड़ दी जाए।
उबटन कैसे काम करता है?
उबटन (जैसे बेसन, चावल का आटा, मूंग दाल का पाउडर) एक प्राकृतिक क्लीन्जर है। इसे लगाने से झाग (फोम) नहीं बनता, जो त्वचा के प्राकृतिक तेलों को बरकरार रखता है। ड्राई स्किन के लिए इन ऑयल्स को रिटेन करना बेहद जरूरी है।
कैसे इस्तेमाल करें?
एक कटोरी में एक से दो चम्मच उबटन (बेसन, चावल का आटा, या मार्केट में मिलने वाला बॉडी उबटन) लें।
इसमें थोड़ी सी ताजी दही मिलाएं। दही ठंडी और हल्की ऑयली होती है, जो त्वचा की अंदरूनी सूजन (इन्फ्लेमेशन) को शांत करते हुए मॉइश्चराइज करती है।
इस पेस्ट को शरीर और चेहरे पर अच्छे से लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें।
कुछ मिनट बाद पानी से धो लें।
फायदे:
बेसन के छोटे-छोटे कण एक माइल्ड एक्सफोलिएटर का काम करते हैं, जो डेड स्किन सेल्स को हटाते हैं।
दही त्वचा को ठंडक और मॉइश्चराइजेशन देती है।
त्वचा के प्राकृतिक तेल बने रहते हैं, जिससे खिंचाव और रुखेपन में तुरंत आराम मिलता है।
फेस वॉश के लिए: इसी उबटन को गीले चेहरे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें और धो लें। आपका प्राकृतिक फेस वॉश तैयार है!
उपाय 2: मॉइस्चराइजिंग क्रीम को कहें ना, प्राकृतिक तेल को कहें हां
दूसरा बड़ा बदलाव था नहाने के बाद मॉइस्चराइजिंग क्रीम की जगह प्राकृतिक तेलों का इस्तेमाल शुरू करना।
क्रीम क्यों नहीं?
आप जो भी मॉइस्चराइजिंग क्रीम खरीदते हैं, उसका आधार भले ही तेल हो, लेकिन उसे क्रीम जैसा टेक्सचर देने और लंबे समय तक चलने के लिए उसमें आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस और केमिकल्स मिलाए जाते हैं। यही केमिकल्स लंबे समय में त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं और इन्फ्लेमेशन बढ़ाते हैं, जो ड्राई स्किन की मूल वजह है।
तेल क्यों है बेहतर?
तेल सीधे तौर पर त्वचा को मॉइश्चराइज करता है। यह त्वचा की बाहरी परत पर एक प्रोटेक्टिव लेयर बनाता है, जो नमी के नुकसान को रोकता है।
कौन सा तेल इस्तेमाल करें?
नारियल का तेल: हल्का और त्वचा में आसानी से एब्जॉर्ब होने वाला। कुछ लोगों को यह कॉमेडोजेनिक (पोर्स ब्लॉक करने वाला) लग सकता है, इसलिए पहले टेस्ट कर लें।
बादाम का तेल: विटामिन E से भरपूर, यह त्वचा को पोषण देकर कोमल बनाता है।
तिल का तेल: आयुर्वेद में इसे बहुत गुणकारी माना गया है। यह शरीर की गर्मी को शांत करता है।
जैतून का तेल: एक बेहतरीन मॉइस्चराइजर है।
शुद्ध देसी घी: चेहरे पर लगाने के लिए यह एक उत्तम उत्पाद है।
कैसे इस्तेमाल करें? नहाने के बाद, तौलिए से हल्का सा पोंछकर त्वचा पर थोड़ा सा तेल लगाएं। इसे अच्छे से सर्कुलर मोशन में मसाज करके एब्जॉर्ब होने दें। महज दो महीने में आपको अपनी त्वचा की ड्राइनेस में भारी अंतर नजर आएगा।
उपाय 3: डेली बॉडी मसाज है गेम-चेंजर
तीसरा और सबसे प्रभावशाली उपाय है रोजाना बॉडी मसाज या आयुर्वेद में जिसे 'अभ्यंग' कहा जाता है।
अभ्यंग (बॉडी मसाज) के फायदे:
त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया (एजिंग) को धीमा करता है।
पूरे शरीर में रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) बढ़ाता है।
त्वचा को गहराई से मॉइश्चराइज और पोषण देता है।
मांसपेशियों के दर्द और जकड़न से राहत दिलाता है।
मन को शांत और तनाव को कम करता है।
स्टेप-बाय-स्टेप बॉडी मसाज गाइड:
तेल तैयार करें: किसी भी शुद्ध तेल (नारियल, तिल, बादाम) या आयुर्वेदिक तेल जैसे बाला अश्वगंधादि तेल को हल्का गुनगुना कर लें।
जगह तैयार करें: बिस्तर पर एक पुराना तौलिया बिछा लें।
शुरुआत: सबसे पहले नाभी, नथुनों और कानों में एक बूंद तेल लगाएं।
हाथ और बाजुएं: हाथों पर तेल लगाकर मसाज शुरू करें। हमेशा मूवमेंट दिल की तरफ (ऊपर की ओर) होनी चाहिए। कलाई और बाजुओं की अच्छे से मसाज करें।
चेहरा (फेशियल): चेहरे पर तेल लगाकर हल्के हाथों से ऊपर की ओर मसाज करें। कानों के पीछे भी मसाज करें। इससे चेहरे की मांसपेशियां टाइट होती हैं और झुर्रियां देर से आती हैं।
छाती और पेट: छाती और पेट पर गोल-गोल घुमाते हुए मसाज करें। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है।
पैर: एक-एक पैर पर तेल लगाकर, घुटनों से शुरू करते हुए पूरे पैर की मसाज करें। जोर हमेशा ऊपर (दिल की तरफ) दें। पैरों के तलवों की मसाज का विशेष महत्व है, इससे पूरे शरीर की गर्मी कम होती है और मन शांत होता है।
पीठ: जितना हाथ पहुंच सके, पीठ की भी मसाज कर लें।
मुश्किल से 10 मिनट का यह रूटीन आपकी ड्राई स्किन की समस्या को जड़ से खत्म कर देगा। मसाज के बाद नहाने से बॉडी लोशन की जरूरत ही नहीं पड़ती।
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उपाय 4: डाइट में लाएं यह बदलाव
आखिरी लेकिन उतना ही महत्वपूर्ण उपाय है आपके खान-पान में सुधार।
क्या न खाएं?
रिफाइंड तेल: रिफाइंड तेल नाम का ही तेल है। रिफाइनिंग की प्रक्रिया में इसमें से ज्यादातर पोषक तत्व निकल जाते हैं। साथ ही, इनमें ओमेगा-6 फैटी एसिड्स की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो शरीर में इन्फ्लेमेशन (सूजन) बढ़ाते हैं। और इन्फ्लेमेशन ही ड्राई स्किन की मूल जड़ है।
बिना भिगोए सूखे मेवे: ड्राई स्किन वालों को कभी भी बिना भिगोए बादाम, अखरोट आदि नहीं खाने चाहिए, वरना मुंह में छाले हो सकते हैं।
क्या खाएं?
शुद्ध देसी घी: वैद्यजी ने दिन में 3-4 चम्मच देसी घी खाने की सलाह दी। अगर शरीर के अंदर तेल (घी) ही नहीं जाएगा, तो बाहर से त्वचा चमकदार कैसे दिखेगी?
कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल: रिफाइंड तेल की जगह सरसों, मूंगफली, नारियल या तिल के कच्ची घानी (कोल्ड-प्रेस्ड) तेलों का इस्तेमाल करें। ये तेल प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
निष्कर्ष: एक सारांश
ड्राई स्किन कोई बीमारी नहीं है, बल्कि आपकी जीवनशैली और देखभाल में कमी का संकेत है। केमिकल्स भरी क्रीम और लोशन से केवल समस्या को कुछ देर के लिए दबाया जा सकता है, उसका स्थायी समाधान नहीं।
इन 4 आयुर्वेदिक उपायों ने मेरी जिंदगी बदल दी:
साबुन/फेस वॉश की जगह उबटन का इस्तेमाल।
मॉइस्चराइजिंग क्रीम की जगह प्राकृतिक तेलों का इस्तेमाल।
रोजाना या सप्ताह में 3-4 बार बॉडी मसाज (अभ्यंग) करना।
रिफाइंड तेल छोड़कर देसी घी और कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल को डाइट में शामिल करना।
ये उपाय प्रकृति के करीब ले जाते हैं और त्वचा को उसका खोया हुआ पोषण वापस दिलाते हैं। बस एक महीना इन्हें ईमानदारी से आजमाएं। आपकी ड्राई स्किन न सिर्फ कोमल और चमकदार बनेगी, बल्कि आप पूरे दिन एनर्जी से भरे और तनावमुक्त भी महसूस करेंगे।
आपके विचार? क्या आपने कभी इनमें से कोई आयुर्वेदिक उपाय आजमाया है? अपने अनुभव नीचे कमेंट में जरूर शेयर करें!
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