क्या आप जानते हैं कि दूध के अलावा भी कई ऐसे शाकाहारी खाद्य हैं जो दूध से कहीं ज्यादा कैल्शियम देते हैं?
हां, यह सच है।
कैल्शियम सिर्फ हड्डियों और दांतों के लिए नहीं, बल्कि दिल, मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र के लिए भी जरूरी है। लेकिन आजकल कई लोगों को दूध नहीं पचता। कुछ को लैक्टोज इंटॉलरेंस है। कुछ को गाय का दूध नहीं मिल पा रहा।
तो क्या कैल्शियम की कमी हो जाएगी?
बिल्कुल नहीं!
अगर आप इन 5 शाकाहारी खाद्यों को अपनी डाइट में शामिल कर लें, तो न सिर्फ कैल्शियम की कमी दूर होगी, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याएं भी कम हो सकती हैं।
आइए जानते हैं कि ये 5 खाद्य कौन-कौन से हैं और इन्हें कैसे खाना चाहिए।
कैल्शियम की कमी के लक्छन क्या हैं?
सबसे पहले यह जान लें कि कैल्शियम की कमी होने पर शरीर क्या संकेत देता है:
- हड्डियां कमजोर होना
- जोड़ों में दर्द या “कट-कट” की आवाज
- दांतों में खोखलापन
- पीठ में दर्द
- आसानी से हड्डी टूटना
- नींद न आना
- जल्दी थकान महसूस होना
अगर आपमें ये लक्छन दिख रहे हैं, तो हो सकता है आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है।
लेकिन डरने की जरूरत नहीं। बस डाइट में कुछ बदलाव करें।
कैल्शियम कम क्यों होता है?
कई बार हम कैल्शियम खाते तो हैं, लेकिन शरीर उसे सोख नहीं पाता।
ऐसा क्यों होता है?
- पेट खराब होना
- ज्यादा चाय या कॉफी पीना
- शराब या सिगरेट का सेवन
- ज्यादा शुगर खाना
- कुछ दवाएं जो कैल्शियम के अवशोषण को रोकती हैं
एक बड़ी गलती यह भी है कि लोग पानी के साथ कैल्शियम की गोली ले लेते हैं। लेकिन ऐसा करने से कैल्शियम अच्छी तरह अवशोषित नहीं होता। बल्कि, किडनी की पथरी का खतरा बढ़ जाता है।
असली कैल्शियम तब काम करता है जब वह भोजन के साथ आए।
#1: खाने लायक चूना – प्राकृतिक कैल्शियम का खजाना
चूना सुनकर आप हैरान हो गए?
लेकिन हां, एडिबल चूना (खाने लायक चूना) कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है।
- यह वही चूना है जो पान की दुकानों पर मिलता है।
- इसे दीवारों वाले चूने से न भ्रमित करें। वह खाने लायक नहीं है।
कैसे लें?
- एक छोटी चुटकी चूना लें।
- इसे दही में मिलाकर खाएं।
- दही से कैल्शियम जल्दी सोखा जाता है।
आयुर्वेद कहता है कि रोज इतना चूना लेने से 15-20 दिन में कैल्शियम से जुड़ी समस्याएं कम हो जाती हैं।
ध्यान रखें: चूना सीधे पानी में न मिलाएं। इससे असर नहीं होता।
#2: सफेद तिल – दूध से 8 गुना ज्यादा कैल्शियम
- 100 ग्राम दूध में: 125 mg कैल्शियम
- 100 ग्राम सफेद तिल में: 975 mg कैल्शियम
यानी तिल में दूध से लगभग 8 गुना ज्यादा कैल्शियम है!
और यही नहीं, तिल में मैग्नीशियम भी होता है, जो कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है।
कैसे खाएं?
- सर्दियों में गुड़ के साथ तिल के लड्डू बनाएं।
- गर्मियों में सूखा भूना तिल लें – एक चम्मच रोज।
- दूध, दलिया या सब्जी में मिला सकते हैं।
बोनस टिप: तिल के तेल से मालिश करके धूप में बैठें। इससे विटामिन D भी मिलेगा, जो कैल्शियम को सोखने में मदद करता है।
#3: कुलथी की दाल – पथरी तोड़ने वाली दाल
कुलथी की दाल को हॉर्स ग्राम भी कहते हैं। इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें घोड़े जैसी ताकत होती है।
- 100 ग्राम कुलथी में: 300 mg कैल्शियम
यह दाल न सिर्फ कैल्शियम देती है, बल्कि किडनी की पथरी को तोड़ने में भी मदद करती है।
अन्य कैल्शियम वाली दालें:
- राजमा: 270 mg
- काला चना: 220 mg
सलाह: हफ्ते में एक बार कुलथी, एक बार राजमा, और एक बार काला चना खाएं। कैल्शियम की कमी कभी नहीं होगी।
#4: राजगीरा (अमरांथ) – पूर्ण प्रोटीन + कैल्शियम
राजगीरा, जिसे रामदाना या अमरांथ भी कहते हैं, एक अद्भुत अनाज है।
- 100 ग्राम में: 340 mg कैल्शियम
- साथ ही: विटामिन B, C, मैग्नीशियम और 9 आवश्यक एमिनो एसिड
हां, यह एकमात्र शाकाहारी खाद्य है जिसमें पूर्ण प्रोटीन होता है।
कैसे खाएं?
- रोटी बनाएं
- दलिया बनाकर दूध या सब्जी के साथ खाएं
- चावल की तरह बनाकर खाएं
बोनस: गर्मियों में लाल सांग (चौलाई) खाएं – यह राजगीरा का ही पौधा है।
#5: रागी (नाचनी) – हड्डियों का दोस्त
रागी डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए भी फायदेमंद है।
- 100 ग्राम रागी में: 300 mg कैल्शियम
- साथ ही: आयरन और पोटैशियम
कैसे खाएं?
- रागी का दोसा या इडली
- रोटी या पोरिज (दलिया)
- मेरा फेवरेट: 2-3 चम्मच रागी का आटा + पानी + नमक → 2-3 मिनट पकाएं → ठंडा करें → दही और नींबू मिलाकर पिएं।
यह एक ताकतवर कैल्शियम ड्रिंक है!
क्या दूध अब जरूरी नहीं?
दूध अच्छा है, लेकिन अगर आपको वह नहीं पचता, तो घबराएं नहीं।
इन 5 खाद्यों को रोज या हफ्ते में कुछ दिन खाने से:
- हड्डियां मजबूत रहेंगी
- दांत स्वस्थ रहेंगे
- मांसपेशियां अच्छी तरह काम करेंगी
- कैल्शियम की कमी के लक्छन गायब हो जाएंगे
और सबसे अच्छी बात? इनसे पथरी नहीं बनती – बल्कि पथरी टूटती है!
अंतिम शब्द
कैल्शियम स्वास्थ्य की नींव है।
लेकिन इसके लिए दूध पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं।
भारतीय आहार में पहले से ही इतने सारे प्राकृतिक, सस्ते और प्रभावी स्रोत मौजूद हैं।
बस थोड़ा जागरूक हो जाइए। अपनी थाली में इन 5 चीजों को जगह दीजिए।
और देखिए, कैसे आपकी हड्डियां, दांत और पूरा शरीर आपका धन्यवाद करेगा!
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