ये 2 चीजें चाय में डाल देंगे तो आपकी चाय अमृत बन जायेगी - Do This While Making Tea

Add these things while making tea and it will benefit you and not harm you


भारत में चाय सिर्फ एक पेय नहीं — यह एक भावना है, एक आदत है, और कई बार एक जरूरत भी। चाहे सुबह की पहली चुस्की हो या शाम की चाय के साथ गपशप, चाय हमारे दिन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गलत तरीके से चाय पीना आपकी सेहत के लिए खतरनाक भी हो सकता है?

हां, आपने सही सुना! लेकिन डरिए नहीं — अगर आप चाय को सही तरीके से बनाएं और सही समय पर पिएं, तो यह न सिर्फ आपकी पसंदीदा ड्रिंक बनी रहेगी, बल्कि ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, पेट की चर्बी और दिल की बीमारियों से लड़ने में भी आपकी मदद कर सकती है।

आइए, आज हम आपको बताते हैं कि चाय को कैसे बनाएं, कब पिएं, कितनी मात्रा में पिएं और किन 7 आयुर्वेदिक सामग्रियों को चाय में मिलाकर आप इसे "सुपरहीलर" बना सकते हैं!


चाय में छिपे हैं अद्भुत फायदे — अगर सही तरीके से पिए जाए

चाय में पॉलीफेनॉल्स और फ्लेवोनॉइड्स जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो:

  • इम्यूनिटी बढ़ाते हैं
  • सूजन कम करते हैं
  • दिल की बीमारियों का खतरा घटाते हैं
  • ब्लड शुगर को नियंत्रित करते हैं

लेकिन यहां एक बड़ी समस्या आती है — हम चाय बनाते समय कई गलतियां कर देते हैं, जिससे इन फायदों का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।


चाय बनाते समय की जाने वाली 5 बड़ी गलतियां

1. चाय को ज्यादा देर तक उबालना

कई लोग चाय को 10-15 मिनट तक उबालते हैं ताकि "कड़क" बने। लेकिन ऐसा करने से:

  • एंटीऑक्सीडेंट्स नष्ट हो जाते हैं
  • टैनिन्स की मात्रा बढ़ जाती है, जो:
    • दांतों पर काले दाग छोड़ते हैं
    • पेट में एसिडिटी बढ़ाते हैं
    • आयरन, कैल्शियम और जिंक जैसे पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकते हैं

सही तरीका: चाय को सिर्फ 2-3 मिनट उबालें। जैसे ही उबाल आए, गैस बंद कर दें।


2. चीनी का अत्यधिक उपयोग

चीनी न सिर्फ एंटीऑक्सीडेंट्स को कम करती है, बल्कि ब्लड शुगर और वजन बढ़ाने में भी मदद करती है।

स्वस्थ विकल्प:

  • देसी खांड
  • धागे वाली मिश्री का पाउडर
  • शहद (ठंडी चाय में मिलाएं)

नोट: गुड़ और दूध का मिश्रण आयुर्वेद के अनुसार अनुपयुक्त माना जाता है। गुड़ डालने से दूध फट सकता है और पेट खराब हो सकता है।


3. दूध का अत्यधिक उपयोग

आधुनिक अनुसंधान कहते हैं कि दूध चाय के एंटीऑक्सीडेंट्स को कम कर देता है।
लेकिन आयुर्वेद कहता है कि चाय गर्म और रूखी प्रकृति की होती है, जिसे दूध की ठंडी और तैलीय प्रकृति संतुलित करती है।

सुझाव: थोड़ा सा दूध डालना ठीक है, लेकिन अधिक नहीं


4. पुरानी चाय को दोबारा गर्म करके पीना

पुरानी चाय में बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

हमेशा ताज़ी चाय बनाएं।


5. एल्युमिनियम के बर्तन का उपयोग

एल्युमिनियम बर्तनों में चाय बनाने से हानिकारक धातुएं चाय में मिल सकती हैं।

बेहतर विकल्प:

  • स्टील का बर्तन
  • पीतल का बर्तन (अंदर से टिन कलाई वाला) — आयुर्वेद में इसे वंग भस्म कहा जाता है, जो कमजोरी दूर करता है।

7 आयुर्वेदिक सामग्रियां जो चाय को बना देंगी "हेल्थ एलिक्सिर"

1. छोटी इलायची

  • एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
  • पाचन शक्ति बढ़ाती है
  • सांस की दुर्गंध दूर करती है

2. लौंग (लवंग)

  • शरीर की नाड़ियों को लचीला बनाता है
  • दांत दर्द और सूजन में लाभदायक

3. अदरक

  • पेट की चर्बी कम करता है
  • सर्दी-जुकाम में आराम देता है
  • दर्द निवारक

4. दालचीनी

  • ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है
  • स्वाद में मिठास जोड़ती है (चीनी की जरूरत कम होती है)

5. मुलेठी

  • गले और फेफड़ों के लिए फायदेमंद
  • शरीर के अंदर की सूखापन दूर करती है

6. सौंफ

  • एसिडिटी, गैस और अल्सर में राहत
  • पाचन तंत्र को मजबूत करता है

7. अर्जुन की छाल

  • हृदय रोगों के लिए अमृत
  • कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कम करती है

टिप: आप सभी सामग्री एक साथ नहीं डालें। अपनी सेहत के अनुसार 2-3 चीजें चुनें।

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चाय बनाने का सही तरीका (Step-by-Step)

  1. एक कप पानी लें।
  2. उसमें इलायची, लौंग, अदरक आदि मसाले डालें।
  3. पानी को आधा रहने तक उबालें (ताकि हर्ब्स का असर निकले)।
  4. चाय पत्ती डालें + थोड़ा दूध।
  5. जैसे ही उबाल आए, गैस बंद कर दें।
  6. छानकर अंत में मिश्री/खांड मिलाएं।

यही है हेल्दी मसाला चाय जो नुकसान नहीं, बल्कि फायदा देगी!


चाय पीने का सही और गलत समय

3 समय जब चाय बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए

1. सुबह उठते ही (बेड टी)

  • शरीर पहले से डिहाइड्रेट होता है
  • चाय डायुरेटिक है → और डिहाइड्रेशन
  • झुर्रियां, रूखी त्वचा, घुटनों में दर्द

विकल्प: सुबह उठकर एक गिलास गुनगुना पानी पिएं।

2. खाना खाने के तुरंत बाद

  • चाय के टैनिन्स आयरन, कैल्शियम, जिंक के अवशोषण को रोकते हैं
  • प्रोटीन का पाचन भी प्रभावित होता है

सुझाव: खाना खाने के कम से कम 1 घंटे बाद चाय पिएं।

3. रात को सोने से पहले

  • चाय में कैफीन होती है
  • नींद आने में 45 मिनट अधिक लगते हैं (जून 2023 की स्टडी)
  • नींद की गुणवत्ता खराब होती है

विकल्प: रात को गुनगुना दूध पिएं।


चाय पीने का सबसे अच्छा समय

  • सुबह 11 बजे (नाश्ते के 2-3 घंटे बाद)
  • दोपहर 3–5 बजे (लंच के 2-3 घंटे बाद)

इस समय पीने से चाय का पूरा लाभ मिलता है और पाचन प्रक्रिया भी प्रभावित नहीं होती।


दिन में कितनी चाय पी सकते हैं?

  • आदर्श मात्रा: 2 कप प्रतिदिन
  • अधिकतम: 3 कप (अगर आप बहुत शौकीन हैं)

ज्यादा चाय पीने के नुकसान:

  • कैफीन की लत
  • एसिडिटी और सीने में जलन
  • जोड़ों में दर्द (चाय शरीर को रूखा करती है)
  • नींद खराब होना

टिप: छोटे कप का उपयोग करें — इससे आप अनजाने में ज्यादा चाय नहीं पी पाएंगे।


अतिरिक्त सुझाव: चाय की गुणवत्ता की जांच कैसे करें?

2021 में भारतीय चाय बोर्ड ने चाय में मिलावट की चेतावनी जारी की थी।

घर पर टेस्ट करें:

  • चाय की पत्ती को फिल्टर पेपर पर रखें
  • ऊपर से पानी डालें
  • अगर पानी तुरंत रंगीन हो जाए → चाय में कृत्रिम रंग मिला है

हमेशा विश्वसनीय ब्रांड की चाय खरीदें।


निष्कर्ष: चाय — वरदान या अभिशाप?

चाय खुद में न तो अच्छी है और न बुरी। आपका तरीका तय करता है कि यह आपके लिए वरदान बनेगी या अभिशाप।

अगर आप:

  • सही समय पर
  • सही मात्रा में
  • सही सामग्री के साथ
  • सही बर्तन में

चाय पिएंगे, तो यह आपकी सेहत की सबसे बड़ी सहयोगी बन सकती है।

तो आज से ही अपनी चाय की आदतों में थोड़ा बदलाव लाएं — क्योंकि हर चुस्की सेहत की ओर एक कदम हो सकती है!


क्या आप तैयार हैं अपनी चाय को "हेल्थ ड्रिंक" बनाने के लिए?
अगर हां, तो आज ही इन आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाएं और अपने प्रियजनों के साथ शेयर करें!

"चाय नहीं छोड़नी... बस सही तरीके से पीनी है!"

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