क्या आपको भी गर्मियों में बार-बार प्यास लगती है? क्या आपके चेहरे पर फोड़े-फुंसियां निकल आते हैं? क्या आपको एसिडिटी, मुंह के छाले या आंखों में जलन महसूस होती है? शायद आपको नहीं पता, लेकिन ये सभी लक्षण एक ही चीज की ओर इशारा करते हैं — शरीर में अत्यधिक गर्मी (Excess Body Heat)।
आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में "पित्त दोष" का बढ़ना ही इस गर्मी का मूल कारण है। और यह सिर्फ गर्मियों की समस्या नहीं है — गलत खान-पान, तनाव, अल्कोहल, स्मोकिंग और अनियमित जीवनशैली भी इसे बढ़ावा देते हैं।
लेकिन अच्छी खबर यह है कि इस समस्या का समाधान बहुत आसान है — बिना किसी दवा के, बिना किसी महंगे क्रीम के। आइए जानते हैं शरीर की गर्मी कम करने के 5 प्रभावी, प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय, जिन्हें आप आज से ही अपना सकते हैं।
1. गोंद कतीरा – गर्मी का प्राकृतिक एंटीडोट
अगर आपको एक ऐसी चीज बताई जाए जो गर्मी के मौसम में आपकी सबसे बड़ी सहायता कर सकती है, तो वह है — गोंद कतीरा।
⚠️ ध्यान रखें: गोंद कतीरा और सामान्य "गोंद" में बहुत अंतर है। गोंद कतीरा ठंडे प्रकृति की होती है, जबकि सामान्य गोंद गर्म।
गोंद कतीरा के फायदे:
- शरीर की आंतरिक गर्मी को तुरंत कम करती है।
- लिवर को डिटॉक्स करती है।
- चेहरे की चमक बढ़ाती है।
- आंखों की जलन और डार्क सर्कल्स को कम करती है।
कैसे इस्तेमाल करें?
- 4-5 दाने गोंद कतीरा को रात भर पानी में भिगो दें।
- सुबह इसे नींबू पानी, शरबत या दूध में मिलाकर पिएं।
- आंखों के लिए: भीगी गोंद कतीरा को आंखों पर 10 मिनट लगाएं।
- माथे या पैरों की तलहटी पर लगाकर आराम करें।
💡 टिप: गोंद कतीरा किराने की दुकानों पर सस्ते दामों (लगभग ₹20-30/100 ग्राम) में उपलब्ध है।
2. सिर को ढकें – धूप से बचाव का सबसे सरल तरीका
क्या आपने कभी गर्मी में काम करते मजदूरों को देखा है? उनके शरीर पर कपड़े कम हो सकते हैं, लेकिन सिर हमेशा ढका होता है। क्यों?
क्योंकि सिर शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा है। सूर्य की किरणें सीधे सिर पर पड़ने से:
- ओजस शक्ति (प्राण शक्ति) कम होती है।
- बाल सफेद होने लगते हैं।
- बाल झड़ने लगते हैं।
- सनस्ट्रोक या चक्कर आ सकते हैं।
क्या करें?
- सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में निकलें तो स्कार्फ, कैप, रुमाल या छाता जरूर इस्तेमाल करें।
- बाइक चलाते समय हेलमेट पहनें — यह सुरक्षा के साथ-साथ गर्मी से भी बचाता है।
- गर्म पानी से सिर न धोएं — इससे पित्त दोष बढ़ता है। ठंडे पानी में थोड़ा गुलाब जल मिलाकर नहाएं।
3. कोल्ड ड्रिंक्स नहीं, कूल ड्रिंक्स पिएं!
जब शरीर गर्म होता है, तो हमारा मन कोल्ड ड्रिंक्स की ओर झुकता है। लेकिन कोल्ड ड्रिंक्स (कोका-कोला, पेप्सी, स्प्राइट) वास्तव में शरीर को और गर्म करती हैं!
क्यों?
- इनमें रिफाइंड शुगर और कार्बोनेशन होता है, जो पेट का pH बिगाड़ता है।
- ये कैल्शियम को शरीर से निकालते हैं।
- एसिडिटी, अल्सर और गैस का कारण बनते हैं।
बेहतर विकल्प – प्राकृतिक कूल ड्रिंक्स:
✅ गन्ने का जूस:
- लिवर की गर्मी कम करता है।
- नेचुरल रूप से मीठा होता है, डायबिटीज में भी सुरक्षित (सीमित मात्रा में)।
- नींबू और पुदीना मिलाकर पिएं।
✅ नारियल पानी:
- इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर।
- किडनी स्टोन, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कम करता है।
- एक अध्ययन (Journal of Medicinal Food, 2012) में पाया गया कि नारियल पानी स्टैटिन ड्रग्स जितना ही प्रभावी है कोलेस्ट्रॉल कम करने में!
✅ सत्तू का शरबत:
- चने या जौ का सत्तू + पानी + नमक/मिश्री।
- प्रोटीन और एनर्जी देता है, साथ ही शरीर को ठंडा रखता है।
🌿 अतिरिक्त विकल्प: जलजीरा, बेल का शरबत, खीरे का पानी, अमरूद का जूस।
4. पैरों की तलहटी की मालिश – गर्मी निकालने का आयुर्वेदिक राज
आयुर्वेद मानता है कि शरीर की गर्मी पैरों की तलहटी से निकलती है। इसलिए, रात को सोने से पहले पैरों की मालिश करना एक शक्तिशाली उपाय है।
कैसे करें?
- पैर धोकर सूखने दें।
- नारियल तेल, सरसों का तेल या घी लें।
- तलहटी पर 2-3 मिनट तक हल्के हाथों से मालिश करें।
एडवांस्ड तकनीक – कांसे की कटोरी से मालिश
- कांसा (तांबा + जस्ता) एक ऐसी धातु है जो शरीर की गर्मी को अवशोषित करती है।
- तेल लगाकर कांसे की कटोरी से मालिश करें।
- अगर पैर काले पड़ने लगें, तो समझ लें कि शरीर में गर्मी ज्यादा थी — और अब वह निकल रही है!
🌙 फायदे: नींद अच्छी आएगी, तनाव कम होगा, पाइल्स और एसिडिटी में भी आराम मिलेगा।
5. मटके का पानी – पुरानी परंपरा, आधुनिक विज्ञान की पुष्टि
हमारे पूर्वजों के पास फ्रिज नहीं था, फिर भी वे गर्मियों में ठंडा पानी पीते थे — मिट्टी के घड़े (मटके) से।
वैज्ञानिक कारण:
- मिट्टी के घड़े में पानी का वाष्पीकरण (evaporation) होता है, जिससे पानी स्वाभाविक रूप से ठंडा हो जाता है।
- इस पानी में मिनरल्स (कैल्शियम, मैग्नीशियम) अधिक होते हैं।
- pH अधिक क्षारीय (alkaline) होता है, जो एसिडिटी को कम करता है।
कैसे इस्तेमाल करें?
- रात भर मटके में पानी भरकर रखें।
- सुबह से लेकर दिन भर इसी पानी का सेवन करें।
- आजकल मिट्टी की बोतलें, गिलास और कुकवेयर ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हैं।
🌍 पर्यावरण के लिए भी अच्छा: प्लास्टिक मुक्त, बायोडिग्रेडेबल और स्थायी।
अतिरिक्त सुझाव: जीवनशैली में बदलाव
- तनाव कम करें: योग, प्राणायाम और ध्यान करें।
- रात को जल्दी सोएं: रात 10 बजे तक सोना पित्त दोष को संतुलित करता है।
- तीखा, तला और प्रोसेस्ड खाना कम करें।
- हरी सब्जियां, खीरा, तरबूज, पुदीना और दही अधिक खाएं।
निष्कर्ष: गर्मी को नजरअंदाज न करें, प्रकृति का सहारा लें
शरीर की गर्मी सिर्फ "गर्मी लगना" नहीं है — यह आपके अंदरूनी स्वास्थ्य का संकेत है। लेकिन अच्छी बात यह है कि इसका इलाज प्रकृति के पास ही है।
चाहे वह गोंद कतीरा हो, मटके का पानी हो या पैरों की मालिश — ये सभी उपाय सस्ते, सुलभ और प्रभावी हैं। आपको सभी 5 उपाय एक साथ अपनाने की जरूरत नहीं। बस 2-3 उपायों को नियमित रूप से अपनाएं, और आपको अंतर दिखने लगेगा।
🌸 याद रखें: स्वास्थ्य की नींव प्रकृति में है, फार्मेसी में नहीं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या गोंद कतीरा डायबिटीज में सुरक्षित है?
हां, गोंद कतीरा में चीनी नहीं होती। लेकिन दूध या शरबत में मिलाते समय मिश्री/चीनी का उपयोग सीमित करें।
Q2. क्या मटके का पानी बच्चों के लिए सुरक्षित है?
बिल्कुल! यह बच्चों के लिए भी बेहतरीन है, क्योंकि इसमें कोई केमिकल नहीं होता।
Q3. क्या गर्म पानी से नहाना बिल्कुल नहीं चाहिए?
गर्मियों में सिर पर गर्म पानी न डालें। शरीर के लिए हल्का गुनगुना पानी ठीक है, लेकिन सिर के लिए ठंडा पानी ही बेहतर।
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