Zomato Q2 FY25 Results: रेवेन्यू तिगुना, लेकिन मुनाफा 63% गिरा – क्या है पूरी कहानी?

Zomato Q2 Results 2026


अगर आप भारतीय शेयर बाजार, टेक स्टॉक्स या फूड डिलीवरी इंडस्ट्री में रुचि रखते हैं, तो Zomato के ताज़ा क्वार्टरल नतीजे आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। कंपनी ने हाल ही में अपने Q2 FY25 (जुलाई–सितंबर 2024) के फाइनेंशियल रिजल्ट्स जारी किए हैं, और ये आंकड़े न सिर्फ निवेशकों को हैरान कर रहे हैं, बल्कि एनालिस्ट्स और आम उपभोक्ताओं के लिए भी चर्चा का विषय बन गए हैं।

आइए, इस लेख में हम Zomato के Q2 FY25 रिजल्ट्स का गहराई से विश्लेषण करते हैं — रेवेन्यू, खर्च, मुनाफा, EPS, और बाजार की प्रतिक्रिया सभी पहलुओं को समझते हुए। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि क्या Zomato अब लाभ में जा रही है या अभी भी चुनौतियों का सामना कर रही है?


🔍 Zomato Q2 FY25: रेवेन्यू में तूफानी उछाल

Zomato के Q2 FY25 के नतीजों में सबसे बड़ी खबर है — रेवेन्यू में तिगुना वृद्धि

  • Q2 FY25 (जुलाई–सितंबर 2024): ₹13,590 करोड़
  • Q2 FY24 (जुलाई–सितंबर 2023): ₹4,799 करोड़
  • Q1 FY25 (अप्रैल–जून 2024): ₹7,167 करोड़

इसका मतलब है कि पिछले साल की तुलना में Zomato का रेवेन्यू लगभग 183% बढ़ा है, जो एक अद्भुत प्रदर्शन है। यहां तक कि पिछले क्वार्टर (Q1 FY25) के मुकाबले भी रेवेन्यू में लगभग 90% की वृद्धि देखने को मिली है।

📊 बाजार की उम्मीदें vs असलियत

एनालिस्ट्स की उम्मीदें काफी कम थीं:

  • कोटक सिक्योरिटीज ने अनुमान लगाया था: ₹8,100 करोड़
  • मॉर्गन स्टैनली ने ऊपरी सीमा बताई थी: ₹12,700 करोड़

लेकिन Zomato ने ₹13,590 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज कर सभी अनुमानों को पीछे छोड़ दिया। यह साफ संकेत है कि कंपनी का बिजनेस मॉडल मजबूत हो रहा है, और उसकी यूजर एंगेजमेंट, ऑर्डर वॉल्यूम और मॉनेटाइजेशन रणनीति काम कर रही है।


💸 खर्च में वृद्धि, लेकिन "कंट्रोल में"?

रेवेन्यू के साथ-साथ Zomato के ऑपरेटिंग खर्च भी बढ़े हैं:

  • Q2 FY25: ₹13,813 करोड़
  • Q2 FY24: ₹4,783 करोड़
  • Q1 FY25: ₹7,433 करोड़

हालांकि, यहां एक महत्वपूर्ण बात ध्यान देने वाली है — कंपनी को इन्वेंटरी से ₹1,053 करोड़ का लाभ हुआ, जिससे खर्च "कंट्रोल में" दिखाई दे रहे हैं।

लेकिन सच्चाई यह है कि खर्च भी तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर:

  • "अदर एक्सपेंसेज" (Other Expenses): ₹1,725 करोड़ (पिछले साल: ₹830 करोड़)
  • डिलीवरी चार्जेस में वृद्धि

यह संकेत देता है कि Zomato अपने ऑपरेशंस का विस्तार कर रही है — नए शहरों में प्रवेश, डिलीवरी पार्टनर्स को बेहतर कमीशन, या टेक्नोलॉजी इन्वेस्टमेंट जैसे कारणों से।

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📉 मुनाफे में 63% की गिरावट: क्या हुआ?

अब आते हैं सबसे चौंकाने वाले हिस्से पर — Zomato का मुनाफा (Profit)

  • Q2 FY25: ₹65 करोड़
  • Q2 FY24: ₹176 करोड़
  • Q1 FY25: ₹25 करोड़

हां, आपने सही पढ़ा — पिछले साल की तुलना में मुनाफा 63% गिरा है
हालांकि, पिछले क्वार्टर (Q1 FY25) के मुकाबले मुनाफा बढ़ा है, लेकिन YoY (Year-on-Year) गिरावट चिंताजनक है

📌 क्यों गिरा मुनाफा?

  1. ऊंचे ऑपरेटिंग खर्च
  2. अदर एक्सपेंसेज में वृद्धि (लगभग दोगुना)
  3. डिलीवरी लॉजिस्टिक्स पर ज्यादा खर्च
  4. Hyperpure (B2B ग्रोसरी विंग) के ऑपरेशन में नुकसान

हालांकि, एनालिस्ट्स को इस तरह के मुनाफे की उम्मीद थी। उनके अनुमान थे:

  • न्यूनतम: ₹50 करोड़
  • अधिकतम: ₹125 करोड़

इस हिसाब से, ₹65 करोड़ का मुनाफा "इन-लाइन" माना जा सकता है। फिर भी, 63% की YoY गिरावट निवेशकों के लिए एक चेतावनी है।


📈 EPS (Earnings Per Share): कमजोर प्रदर्शन

EPS एक ऐसा मेट्रिक है जो बताता है कि प्रति शेयर कितना मुनाफा कंपनी कमा रही है

  • Q2 FY25: ₹0.07 (7 पैसे)
  • Q2 FY24: ₹0.20 (20 पैसे)
  • Q1 FY25: ₹0.03 (3 पैसे)

यहां भी YoY गिरावट 65% है। हालांकि QoQ (Quarter-on-Quarter) सुधार दिख रहा है, लेकिन EPS का स्तर अभी भी बहुत कम है, जो लंबी अवधि में शेयर कीमतों को प्रभावित कर सकता है।


🧠 Zomato की रणनीति: विकास vs लाभ

Zomato के CEO दीपिंदर गोयल के अनुसार, कंपनी "स्थिर लाभ की ओर बढ़ रही है", लेकिन "विकास को प्राथमिकता दे रही है"

🔑 कंपनी के 3 मुख्य फोकस एरिया:

  1. फूड डिलीवरी में मार्केट शेयर बढ़ाना
  2. Hyperpure (B2B ग्रोसरी) को स्केल करना
  3. Dine-out और इवेंट्स बिजनेस को मॉनेटाइज करना

हालांकि Hyperpure अभी नुकसान में चल रहा है, लेकिन Zomato मानती है कि यह भविष्य का "गेम चेंजर" हो सकता है।


📊 बाजार की प्रतिक्रिया: क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

Zomato के शेयर (NSE: ZOMATO) को लेकर बाजार में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली:

  • मॉर्गन स्टैनली: "रेवेन्यू सुपरचार्ज, लेकिन मुनाफा कमजोर"
  • ICICI सिक्योरिटीज: "लंबी अवधि में बुलिश, लेकिन अल्पकालिक चुनौतियां"
  • Motilal Oswal: "Q2 के नतीजे ऑपरेशनल रूप से मजबूत, लेकिन मार्जिन पर दबाव"

अधिकांश एनालिस्ट्स "होल्ड" या "एक्यूमुलेट" रेटिंग दे रहे हैं, क्योंकि वे मानते हैं कि 2025–26 तक Zomato लगातार लाभ में जाएगी


🇮🇳 Zomato का भारत में प्रभाव: क्या बदल रहा है?

Zomato सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल खान-पान संस्कृति का हिस्सा बन चुकी है।

  • 1.5 करोड़+ मासिक एक्टिव यूजर्स
  • 1.2 लाख+ रेस्तरां भागीदार
  • 200+ शहरों में उपस्थिति

कंपनी ने AI-आधारित रिकमेंडेशन, फास्ट डिलीवरी, और लॉयल्टी प्रोग्राम जैसी सुविधाओं से यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाया है।


🔮 आगे क्या? Zomato का रोडमैप 2025–26

  1. Hyperpure को प्रॉफिटेबल बनाना
  2. इंटरनेशनल एक्सपेंशन (UAE, ऑस्ट्रेलिया)
  3. Zomato Blinkit को फूड + किराना एकीकृत प्लेटफॉर्म बनाना
  4. AI और ऑटोमेशन से ऑपरेशनल कॉस्ट कम करना

अगर Zomato इन लक्ष्यों को हासिल करती है, तो 2026 तक वह ₹60,000+ करोड़ का रेवेन्यू जनरेट कर सकती है


📌 निष्कर्ष: क्या Zomato अब "बुलिश" है?

Zomato के Q2 FY25 नतीजे दोहरे संकेत देते हैं:

रेवेन्यू में तूफानी वृद्धि — बिजनेस मॉडल काम कर रहा है
⚠️ मुनाफे में गिरावट — खर्च पर नियंत्रण जरूरी

अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं, तो Zomato अभी भी एक उम्मीद भरा स्टॉक है। लेकिन अगर आप शॉर्ट-टर्म ट्रेडर हैं, तो मार्जिन और EPS पर नजर रखें

"Zomato अभी विकास के रास्ते पर है — लाभ नहीं, बल्कि बाजार का दिल जीतना उसकी प्राथमिकता है।"


❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. क्या Zomato अब लाभ में है?

हां, Zomato Q2 FY25 में ₹65 करोड़ के मुनाफे में है, लेकिन पिछले साल की तुलना में यह 63% कम है।

Q2. Zomato का शेयर खरीदना चाहिए?

अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं, तो हां। लेकिन शॉर्ट-टर्म में अस्थिरता संभव है।

Q3. Hyperpure क्या है?

यह Zomato का B2B ग्रोसरी बिजनेस है, जो रेस्तरां और होटल्स को सब्जी, मसाले आदि सप्लाई करता है।

Q4. Zomato का मुख्य प्रतिस्पर्धी कौन है?

Swiggy, Blinkit (अब Zomato का हिस्सा), और Dunzo।


लेखक का नोट:
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। निवेश से पहले SEBI-रजिस्टर्ड एडवाइजर से सलाह लें।


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